व्यवसायिक बैंक चार प्रकार की जमा राशि को स्वीकार करते हैं
स्थायी जमा इसे सावधि जमा भी कहते हैं। इसमें बैंक एक निश्चित अवधि के लिए : राशि जमा कर लेती है और उसकी निकासी समय से पूर्व नहीं होती।
चालू जमा-इसे मांग जमा भी कहते हैं। इसमें व्यक्ति अपनी इच्छानुसार रुपया जमा या निकाल सकता है।
संचयी जमा- इस जमा में बैंक ग्राहकों को निकासी के अधिकार को सीमित कर देता है। इसमें एक निश्चित रकम से अधिक निकासी नहीं हो सकती है।
आवर्ती जमा-आवर्ती जमा खाते में ग्राहकों को प्रतिमाह एक निश्चित राशि जमा करना होता है। आवर्ती जमा एक निश्चित अवधि (60 माह या 72 माह) तक होता
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