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क्लोरोबेंजीन से क्लोरीन का प्रतिस्थापन फिनाल प्रदान करता है जिसके लिए एक कठिन परिस्थिति की आवश्यकता होती है किन्तु 2,4 -डाइनाइट्रोक्लोरोबेंजीन आसानी से क्लोरीन को प्रतिस्थापित कर देता है, क्योंकि
जब कार्बन की संकरण अवस्था $sp ^3$ से $sp ^2$ में तथा अंततः $sp$ परिवर्तित होती है तो संकरित आर्बिटल के आंबध कोण में निम्नलिखित में से क्या परिवर्तन होता है?
निम्नलिखित में से कौन सी विधि बेंजोइक अम्ल, आइसो एमाइल अल्कोहल, साइक्लो हेक्सेन तथा साइक्लो हेक्सनॉन के मिश्रण से साइक्लोहेक्सेनोन के परिष्करण के लिए सबसे उपयुक्त है?