मुख्यतः आकस्मिक प्रबंधन के तीन घटक हैं –
- स्थानीय प्रशासन
- स्वयंसेवी संगठन
- गाँव अथवा मुहल्ले के लोगा ।
(1) स्थानीय प्रशासन-आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की अहम भूमिका होती है। राहत शिविर का निर्माण, प्राथमिक उपचार की सामग्री की व्यवस्था, एम्बुलेंस, डॉक्टर, अग्निशामक इत्यादि की तत्काल व्यवस्था करना इसका प्रमुख कार्य है।
(2) स्वयंसेवी संगठन–आकस्मिक प्रबंधन में स्वयंसेवी संस्था महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अगर गाँव के युवकों तथा पंचायत प्रबंधन के बीच समन्वय हो। ऐसे प्रबंधन में जाति, धर्म, लिंग के भेदभाव का परित्याग करना पड़ता है। स्वयंसेवी संस्था आकस्मिक प्रबंधन में काफी योगदान दे सकती है।
(3) गाँव अथवा मुहल्ले के लोग—आकस्मिक प्रबंधन में गाँव और मुहल्ले के लोग काफी योगदान दे सकते हैं। जैसे-युवकों को मानसिक रूप से सुदृढ़ और तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करनाऔर उनमें साहस का संचार कर सकते हैं।