कानूनी प्रक्रिया में काफी पैसा व समय लगता है और ऊपर से कागजी कार्यवाही की भी जरूरत पड़ती है। यह काम वकीलों का होता है। इस प्रक्रिया को आम लोगों के लिए समझ पाना मुश्किल होता है। गरीब इंसान के लिए यह सब कर पाना, समझ पाना और लंबी अवधि तक चलने वाले मुकदमे के लिए आवश्यक धनराशि का जुगाड़ कर पाना मुश्किल होता है। कोर्ट कचहरी के काम में समय काफी लगता है क्योंकि यह ध्यान रखना होता
है कि जल्दबाजी में किसी के साथ अन्याय न हो। इस वजह से कई केस सालों-साल खिंचते जाते हैं और लोगों के लिए अपना काम-धंधा छोड़कर नियमित रूप से कोर्ट-कचहरी जा पाना मुश्किल होता है। वैसे तो ये समस्याएँ सभी वर्ग के लोगों के लिए हैं पर गरीब लोगों के लिए तो ऐसा करना बेहद मुश्किल होता है।
न्याय की प्रक्रिया में सुधार करने के लिए, सभी तरह के न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्तियाँ, गरीब लोगों के लिए नि:शुल्क या कम पैसों में कानूनी सहायता की व्यवस्था करना और जनहित याचिकाएँ, ये उपाय किये जाने जरूरी हैं।