आवृतबीजी पादपों में दोहरे निषेचन की आवश्यकता किसके निर्माण के लिए जरूरी होती है?
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b)भूणपोष
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    आंतरिक भाग से प्रारम्भ करके एक ओव्यूल में भागों का सही क्रम होता है
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    आवृतबीजी पौधों में गुरुबीजाणुधानी परिपक्कन पर बनाती हैं-
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    एपोमिक्सिस का अर्थ है, एक पौधे का परिवर्द्धित होना-
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    (ii) दो नर युग्मकों वाली अंकुरित परागकण (Germinated Pollen Grain with Two Male Gamete)
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  • 8
    एक एंथर में माइक्रोस्पोरेंजियम की सबसे बाहरी तथा आंतरिक भित्ती परते होती हैं क्रमशः
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  • 10
    जैसे भ्रूणकोष ओव्यूल में होता है वैसे ही ______________ एंथर में होते हैं
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