आयनन समावयवता - जब किसी संकुल में उपस्थित प्रतिआयन स्वयं एक संभावित लिगन्ड हो तथा यह किसी लिगन्ड को प्रतिस्थापित करके दूसरा संकुल बनाता है तो प्राप्त संकुल को आयनन समावयवी तथा इस गुण को आयनन समावयवता कहते हैं। उदाहरण- (i) $\left.[ Co(NH _3\right)_5 SO _4 ] Br$ तथा (ii) $\left[ Co \left( NH _3\right)_5, Br \right] SO _4 |$ (i) के आयनन से $Br ^{-}$ प्राप्त होता है जबकि (ii) के आयनन से $SO _4^{2-}$ प्राप्त होगा।
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$(a) \ K_3[Fe(C_2O_4)_3]$ संकुल का $ \text{IUPAC}$ नाम लिखिए।
$(b)$ संयोजकता बन्ध सिद्धान्त के आधार पर, $[NiCl_4]^{2-}$ संकुल आयन की ज्यामिति एवं चुम्बकीय प्रकृति लिखिए।
निम्नलिखित संकुलों में केन्द्रीय धातु आयन की ऑक्सीकरण अवस्था एवं उपसहसंयोजन संख्या दीजिए। (अ) $\left[ Co ( en )_3\right]^{3+}$ (ब) $K _4\left[ Fe ( CN )_6\right]$
निम्नांकित क `IUPAC नाम लिखिए। (i) $\left[ Cu \left( H _2 O \right)_4\right]^{2+}$ (ii) $\left[ Co \left( NH _3\right)_6\right] Br _3$ (iii) $\left[ Fe ( CN )_6\right]^{3-}$