अभिक्रिया की कोटि तथा अणुसं ख्यता (आण्विकता) में विभेद कीजिए।
Download our app for free and get startedPlay store
किसी अभिक्रिया की कोटि तथा अणुसंख्यता में निम्नलिखित विभेद हैं-
(i) अभिक्रिया की कोटि प्रायोगिक रााशि है जबकि आण्विकत एक सैद्धान्तिक राशि है।
(ii) कोटि, शून्य या भिन्नात्मक भी हो सकती है जबकि अ आण्विकता हमेशा पूर्णांक होती है।
(iii) कोटि से अभिक्रिया की क्रियाविधि ज्ञात होती है, आण्विकता से नहीं।
(iv) अभिक्रिया की कोटि प्राथमिक तथा जटिल दोनों प्रकार को अभिक्रियाओं के लिए लागू होती है लेकिन अभिक्रिया की आण्विकता केवल प्राथमिक अभिक्रियाओं के लिए ही लागू होती है। जटिल अभिक्रियाओं की आण्विकता का कोई अर्थ नहीं होता। जटिल अभिक्रियाओं में कोटि सबसे धीमे पद से दी जाती है तथा सामान्यतः सबसे मंद पद की आण्विकता तथा कोटि समान होती है।
(v) कोटि ताप, दाब या अभिक्रिया की परिस्थिति पर निर्भी करती है लेकिन आण्विकता नहीं।
(vi) कोटि सान्द्रता से सम्बन्धित होती है जबकि आण्विकता अणुओं की संख्या से सम्बन्धित है।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1
    (अ) प्रथम कोटि की अभिक्रिया हेतु समाकलित वेग समीकरण व्युत्पन्न कीजिये।
    (ब) प्रथम कोटि की अभिक्रिया हेतु अर्द्धआयु काल का सूत्र व्युत्पन्न कीजिये और ये पुष्टि कीजिये कि इस अभिक्रिया की अर्द्धायु अभिक्रिया की प्रारंभिक सांद्रता पर निर्भर नहीं करती है।
    (स) 30 मिनट अर्द्धयुकाल वाली प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग नियतांक एवं अभिक्रिया के 75% पूर्ण होने में लगने वाले समय की गणना कीजिये।
    (द) दर्शाइये कि प्रथम कोटि की अभिक्रिया में 99.9% अभिक्रिया पूर्ण होने में लगा समय अर्द्ध अभिक्रिया पूर्ण होने में लगने वाले समय का 10 गुना होता है।
    View Solution
  • 2
    (अ) उत्प्रेरक अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
    (ब) अभिक्रिया के वेग स्थिरांक पर उत्प्रेरक का क्या प्रभाव पड़ता है ?
    (स) उत्प्रेरक की उपस्थिति में अभिक्रिया का वेग अधिक हो जाता है। इस कथन को अभिक्रिया निर्देशांक व ऊर्जा। आरेख बनाकर समझाइये।
    View Solution
  • 3
    (अ) शून्य कोटि अभिक्रिया के लिये समाकलित वेग व्यंजक का सूत्र स्थापित कीजिए।
    (ब) एक शून्य कोटि अभिक्रिया के लिये अर्द्ध-आयु काल ज्ञात कीजिए जब इस अभिक्रिया का वेग स्थिरांक $k = 3.7 \times 10^{-14} mol L ^{-1} s^{-1}$ हो एवं अभिकारक की प्रारम्भिक सान्द्रता $0.074 mol L ^{-1}$ हो।
    View Solution
  • 4
    $(अ)$ शून्य कोटि की अभिक्रिया हेतु समाकलित वेग समीकरण/वेग स्थिरांक का सूत्र व्युत्पन्न कीजिये।
    $(ब)$ शून्य कोटि की अभिक्रिया हेतु अर्द्ध आयु काल ज्ञात कीजिये ।
    $(स)$ शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए अभिकारक की सांद्रता $[R]$ एवं समय में ग्राफ खिचिंए।
    $(द) \ Pt$ की सतह पर $NH_3$ का अपघटन शून्य कोटि की अभिक्रिया है। $N_2$ व $H_2$ के उत्पादन की दर क्या होगी जब $K =2.5 \times 10^{-4} mol \ L ^{-1} s^{-1}$ हो $\left( N _2=2.5 \times 10^{-4} mol \ L ^{-1} s^{-1}, H _2=7.5 \times 10^{-4} mol \ L ^{-1} s^{-1}\right)$
    View Solution
  • 5
    $(i)$ अभिक्रिया की कोटि को परिभाषित कीजिए।
    $(ii)$ वेग स्थिरांक पर अभिक्रियक की सांद्रता के प्रभाव को समझाइए।
    $(iii)$ एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए $500 K$ तथा $600 K$ पर वेग स्थिरांक क्रमशः $0.03 s^{-1}$ तथा $0.06 s^{-1}$ हो, तो सक्रियण ऊर्जा की गणना कीजिए। $\left[ R =8.314 JK ^{-1} mol^{-1}, \log 2=0.3010\right]$
    View Solution
  • 6
    (i) अभिक्रिया की आण्विकता को परिभाषित कीजिए।
    (ii) अभिक्रिया के वेग पर उत्प्रेरक की उपस्थिति के प्रभाव को समझाइए।
    (iii) 300 Kपर एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया में अभिक्रियक की प्रारंभिक सांद्रता $1.0 \times 10^{-2} mol L ^{-1}$ थी, जो 30 मिनट पश्चात् घटकर $0.5 \times 10^{-2} mol L ^{-1}$ रह गई। 300 K पर अभिक्रिया के वेग स्थिरांक की गणना कीजिए। [log 2 = 0.3010]
    View Solution