अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसके निम्नलिखित कारण थे
(i) उपनिवेशों में राजनीतिक स्वायत्तता का अभाव-अमेरिकी उपनिवेशों में अधिकतर अंगरेज लोग थे जिन्होंने इंग्लैण्ड की संसदीय व्यवस्था एवं विधि-विधान को देखा था। अतः वे अपने उपनिवेश में भी उसी तरह की प्रजातांत्रिक व्यवस्था एवं विधि-विधान चाहते थे । उपनिवेशों के गवर्नर इंग्लैण्ड के राजा के द्वारा मनोनित किए जाते थे, जो उदार नहीं होते थे। अतः संघर्ष की स्थिति बनी रहती थी। उपनिवेशवासियों को शासन के योग्य नहीं माना जाता था इसलिए इनमें भारी असंतोष था।
(ii) सप्तवर्षीय युद्ध का प्रभाव-सप्तवर्षीय युद्ध इंग्लैण्ड एवं फ्रांस में 1756 ई. से 1763 ई. के बीच हुआ था। इस युद्ध से पूर्व तक उपनिवेशवासी इंग्लैण्ड से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए थे क्योंकि वे कनाडा में फ्रांसीसियों के विरूद्ध अकेले अपनी रक्षा करने में असमर्थ थे। लेकिन इस युद्ध में फ्रांस की पराजय के साथ ही यह भय समाप्त हो गया । अब उपनिवेशवासियों का एक मात्र लक्ष्य इंग्लैण्ड को बेदखल करना था। प्रो. पोलार्ड ने कहा था-“फ्रांस की पराजय ने अमेरिकावासियों की स्वतंत्रता की इच्छा को भड़काया”।
(iii) बोस्टन की चाय पार्टी-1773 ई. में चाय कानून द्वारा कंपनी के चाय से लदे जहाज अमेरिका के बोस्टन बन्दरगाह पर पहुँचे । उपनिवेशवासी सरकार द्वारा चाय पर कर लगाए जाने से क्रुद्ध थे। अतः वहाँ के नागरिकों ने रेड इंडियन के वेश में चाय की पेटियाँ समुद्र में फेंक दी। यह घटना बोस्टन की चाय पार्टी के नाम से विख्यात है। ब्रिटिश सरकार ने बन्दरगाह पर व्यापारिक प्रतिबंध लगा दिया । इस तरह अमेरिकी उपनिवेश को विद्रोह की आग में धकेल दिया।