अंग्रेज विद्वानों के बीच शिक्षा नीति के विषय में किस प्रकार के विवाद थे । इस सम्बन्ध में आप क्या सोचते हैं। बताएँ।
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1813 में ब्रिटिश संसद ने एक कानून बनाकर भारत में शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिवर्ष एक लाख रुपए खर्च करने का निर्देश दिया। शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करने के लिए पैसा तो मिल गया पर अब विवाद उठा कि इस पैसे को किस रूप में खर्च किया जाए। विलियम जोन्स जैसे कुछ अन्य अंग्रेजी विद्वानों का मानना था कि इस पैसे को भारतीय विद्या और ज्ञान के प्रसार में खर्च करना चाहिए। इनका कहना था कि भारतीयों को उनकी भाषा में ही पढ़ाया जाए इससे कर्मचारियों की आपूर्ति भी हो जाएगी साथ ही भारत की परम्परा को भी अंग्रेजों को जानने में सहायता मिलेगी।

जबकि जेम्स मिल और मैकॉले जैसे अंग्रेजी विद्वानों का मत था कि भारतीयों को अंग्रेजी में शिक्षा देकर उनके मानस को यूरोपीय सांचे में ढालने की शुरूआत करनी चाहिए। इससे अंग्रेजों को अंग्रेजी भारत में दक्ष अनगिनत भारतीय कर्मचारी मिल जाएंगे।
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