अतिरिक्त केन्द्रकीय वंशागति होती है
[2001]
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(a) वर्णान्धता एक सेक्स लिंक्ड बीमारी है, इसका जीन लिंग गुणसूत्र $X$ गुणसूत्र पर होता है। इस में रोगी को विभिन्न रंगों में विभेदन की क्षमता नहीं होती है। ये कई प्रकार के होते हैं। ये लक्षण नर में प्रकट हो जाते है क्योंकि नर के $Y$ गुणसूत्र पर इसका कोई प्रभावी एलील नहीं होता है। मादा में यह विषमजात $\left( xx ^{ C }\right)$ अवस्था में वाहक होता है अर्थात मादा में बीमारी नहीं होती है पर मादा के आधे नर संतान वर्णान्ध होते हैं। लेकिन मादा के दोनों $X$ गुणसूत्र पर यह जीन उपस्थित होने पर मादा भी वर्णान्ध हो सकती है। इस प्रकार की वंशागति को क्रिस-क्रास की वंशागति कहते हैं।
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