भारत में किन्हीं प्रदेशों में एक प्रकार के संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं किन्तु दूसरे प्रकार के संसाधनों की कमी है। कुछ प्रदेश ऐसे भी हैं जो कि संसाधनों की उपलब्धता में आत्मनिर्भर हैं तथा कुछ प्रदेश ऐसे भी हैं जहाँ महत्त्वपूर्ण संसाधनों की अत्यधिक कमी है। इसी कारण देश में संसाधन नियोजन की आवश्यकता है।