(b) गैसीय विनिमय के लिए एलब्युलाई बहुत ही पतले अनियमित भित्तियुक्त थैलीनुमा संरचनाएँ होती हैं। ट्रैकियाई, ब्रांकाई तथा ब्रांकिओल्स अपूर्ण उपास्थि वलयों द्वारा आश्रित होते हैं। फेफड़े दोहरी परत से युक्त प्ल्यूरल झिल्ली से घिरे होते हैं तथा दोनों परतों के बीच प्ल्यूरल द्रव भरा होता है। इसका कार्य फेफड़े के सतह पर पड़ने वाले घर्षण को कम करना होता है।