चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है?
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चुम्बक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित इसलिए हो जाती है क्योंकि दिक्सूचक की सुई की नोक चुम्बक के ध्रुव की भांति कार्य करता है। जब सुई को दंड चुंबक के पास लाया जाता है जो ये सुई को आकर्षित अथवा प्रतिकर्षित करता है जिससे विक्षेपित होता है।
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    2. कुंडली के भीतर से बाहर खींचा जाता है।
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