अखिल भारतीय देशी राज्य सेवा परिषद ने देशी रियासतों के एकीकरण के सम्बन्ध में यह प्रस्ताव पारित |किया कि जिन रियासतों व ठिकानों की आय 50 लाख रुपये से कम व जनसंख्या 20 लाख से कम हो, उन्हें पड़ौस के बड़े राज्य में मिला दिया जाए। राजस्थान में केवल जयपुर, जोधपुर, बीकानेर व उदयपुर रियासतें ही स्वतंत्र अस्तित्व रख सकती थीं, किन्तु इन रियासतों की जनता एकीकृत राजस्थान के विलय के पक्ष में थी। प्रजा का नेतृत्व प्रजामण्डल व अन्य संघों द्वारा किया गया तथा देशी रियासतों के कई शासकों ने भी विलय के प्रस्ताव का समर्थन किया।