दो प्रभावी नान एलीलिक जीन 50 मानचित्र इकाई दूर है। उनमें किस प्रकार की सहलग्नता है-
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(d) गुणसूत्रों का मापन इस तथ्य पर आधारित होता है कि गुणसूत्रों में जीन्स रेखीय रूप से अवस्थित होते हैं तथा क्रॉसिंग ओवर की बारम्बारता दो जीनों के बीच की दूरी के समानुपाती होता है। प्रभावी जीन्स सिस व्यवस्था को प्रदर्शित करते हैं। 50 माप ईकाईयों पर सिस ट्रान्स में परिवर्तित होता है तथा इसका उल्टा भी होता है अतः कोई दृढ़ संलग्नता उपस्थित नहीं होता।
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तीन जीन $a, b$ व $c$ है, इनमें विनिमय $a, b$ के बीच $20 \%$, $b$ व $c$ के बीच $28 \%$ तथा $a$ व $c$ के बीच $8 \%$ है, इन जीनों की गुणसूत्र पर शृंखला है-
मनुष्यों में लाल-हरी वर्णांधता, लिंग सहलग्न अग्रभावी जीन द्वारा विधानित होती है, एक सामान्य महिला, जिसके पिता वर्णांध थे, एक वर्णांध पुरुष से विवाह करती है। कितनी पुत्रियां वर्णांध होंगी-
यदि ' $AB$ ' रक्त समूह वाले दो व्यक्ति विवाहित होते हैं और उनके पर्याप्त विशाल संख्या में बच्चे होते हैं, इन बच्चों को ऐसे वर्गीकृत किया जा सकता हैं ' $A$ ' रक्त समूह: 'AB' रक्त समूह: 'B' रक्त समूह के $1: 2: 1$ के अनुपात में। प्रोटीन वैद्युत का संचालन (प्रोटीन इलेक्ट्रोफोरेसिस) की आधुनिक तकनीक से ज्ञात होता है कि ' $A$ ' और ' $B$ ' प्रकार के प्रोटीन दोनों ही ' $AB$ ' रक्त समूह व्यक्तियों में विद्यमान हैं। यह किसका उदाहरण है?