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यंग के द्विक रेखा छिद्र प्रयोग में एक स्थिर बिन्दु पर जहाँ पथान्तर $=\frac{\lambda}{6}(\lambda=$ प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्घ्य) है, तीव्रता I है। यदि $I _0$ अधिकतम तीव्रता हो तो $\frac{ I }{ I _0}$ बराबर है-
यंग के द्विरेखा-छिद्र प्रयोग में तरंगदैर्घ्य 6000$\overset{\circ}{A}$ है, पर्दा रेखा-छिद्रों से 40 सेमी. की दूरी पर है तथा फ्रिंजों की परस्पर दूरी 0.012 सेमी. है। रेखा छिद्रों के बीच अन्तराल है-