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एक वर्गाकार धारावाही लूप एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में लटकाया गया, जो इसके तल में कार्यरत है। यदि लूप की एक भुजा पर बल $\overrightarrow{ F }$ है, तो शेष तीन भुजाओं पर परिणामी बल होगा-
एक चुम्बकीय लोहे के तार की लम्बाई l एवं चुम्बकीय आघूर्ण m है। यदि इसे L आकृति में मोड़ने पर इसकी प्रत्येक भुजा समान लम्बाई की रहती है तो नवीन आकृति का चुम्बकीय आघूर्ण होगा-
किसी चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर रखी चुम्बकीय सुई को 60° घुमाने में W कार्य करना पड़ता है। इस स्थिति में सुई को बनाये रखने के लिये आवश्यक बल आघूर्ण होगा-