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हाइड्रोजन की आयनन ऊर्जा $1311 kJ Mol ^{-1}$ है तथा क्लोरीन के लिए यह $1256 kJ Mol ^{-1}$ है। हाइड्रोजन $H _{( aq )}^{+}$आयन का निर्माण करता है किन्तु क्लोरीन $Cl _{( aq )}^{+}$आयन का निर्माण नहीं करता है क्योंकि
$X _2, Y _2$ और $XY _3$ के लिये मानक एन्ट्रापियाँ क्रमशः 60,40 और $50 JK ^{-1} mol ^{-1}$ हैं। अभिक्रिया $\frac{1}{2} X _2+\frac{3}{2} Y _2 \rightleftharpoons XY _3, \Delta H=-30 kJ$
को तुल्यावस्था पर होने के लिये ताप होना चाहिए:
यदि $25^{\circ} C$ ताप तथा 1 वायुमंडलीय दाब पर $C _2 H _4( g )$, $CO _2( g )$ तथा $H _2 O (\ell)$ के निर्माण की एन्थैल्पी क्रमशः $52,-394$ तथा $-286 kJ / mol$ है तो एन्थैल्पी परिवर्तन होगा-
मान लें कि जल वाष्प आदर्श गैस की तरह व्यवहार करती है।
दो मोनोएटॉमिक गैसों, $A$ तथा $B$ के बराबर आयतन समान ताप और दाब पर मिलाये जाते हैं। मिश्रण की आपेक्षिक ऊष्मा $\left( C _{ p } / C _{ v }\right)$ का अनुपात होगा :
$298 K$ तथा $1 atm$ पर ऐन्ट्रापपी मान $\left( J K ^{-1} mol ^{-1}\right.$ में) निम्नलिखित है-
$H _2( g )=130.6 ; Cl _2( g )=223.0 ; HCl ( g )=186.7$ अभिक्रिया $H _2( g )+ Cl _2( g ) \longrightarrow 2 HCl ( g )$ के लिए एन्ट्रॉपी परिवर्तन $\left( J K ^{-1} mol ^{-1}\right.$ में) है-