एक वर्गाकार लूप जिसकी एक भुजा 10 cm लंबी है तथा जिसका प्रतिरोध 0.5 $\Omega$ है, पूर्व-पश्चिम तल में ऊर्ध्वाधर रखा गया है। 0.10 T के एक एकसमान चुंबकीय क्षेत्र को उत्तर-पूर्व दिशा में तल के आर-पार स्थापित किया गया है। चुंबकीय क्षेत्र को एकसमान दर से 0.70 s में घटाकर शून्य तक लाया जाता है। इस समय अंतराल में प्रेरित विद्युत वाहक बल तथा धारा का मान ज्ञात कीजिए।
उदाहरण - 6.2
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कमला एक स्थिर साइकिल के पैडल को घुमाती है। पैडल का संबंध $100$ फेरों तथा $0.10 m^2$ क्षेत्रफल वाली एक कुंडली से है। कुंडली प्रति सेकंड आधा परिक्रमण $($चक्कर$)$ कर पाती है तथा यह एक $0.01\ T$ तीव्रता वाले एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में, जो कुंडली के घूर्णन अक्ष के लंबवत है, रखी है। कुंडली में उत्पन्न होने वाली अधिकतम वोल्टता क्या होगी$?$
$10 \ cm$ त्रिज्या $, 500$ फेरों तथा $2 \Omega$ प्रतिरोध की एक वृत्ताकार कुंडली को इसके तल के लंबवत पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक में रखा गया है। इसे अपने ऊर्ध्व व्यास के परित: $0.25s$ में $180^\circ$ से घुमाया गया कुंडली में प्रेरित विद्युत वाहक बल तथा विद्युत धारा का आकलन कीजिए। दिए गए स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक का मान $3.0 \times 10^{-5}\ T$ है।
दो संकेन्द्री वृत्ताकार कुंडलियाँ, एक कम त्रिज्या $r_1$ की तथा दूसरी अधिक त्रिज्या $r_2$ की, ऐसी कि $r_1 << r_2,$ समाक्षी रखी हैं तथा दोनों के केन्द्र संपाती हैं। इस व्यवस्था के लिए अन्योन्य प्रेरकत्व ज्ञात कीजिए।
एक पहिया जिसमें $0.5\ m$ लंबे $10$ धात्विक स्पोक $($spokes$)$ हैं, को $120$ चक्र प्रति मिनट की दर से घुमाया जाता है। पहिये का घूर्णन तल उस स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक $H_E$ के अभिलंबवत है। उस स्थान पर यदि $H_E = 0.4 G$ है तो पहिये की धुरी $($axle$)$ तथा रिम के मध्य स्थापित प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान क्या होगा? नोट कीजिए $1 G = 10^{-4}\ T$