एक यौगिक तत्व $A$ और $B$ से बना है। इसकी धनाकार क्रिस्टलीय संरचना में $A$ के परमाणु घन के कोनों पर और $B$ के परमाणु घन के मध्य में स्थित है। यौगिक का सरलतम सूत्र है :-
[2000]
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यदि ' $a$ ' घनीय तंत्रः साधारण घन, कार्य केन्द्रित फलक तथा फलक केन्द्रित घन, की कोर लम्बाई को दर्शाए तब इन तंत्रों में गोलकों की त्रिज्याओं का अनुपात क्रम इस प्रकार होगा।
क्रिस्टलीय सोडियम क्लोराइड का पिकनोमेट्रिक घनत्व $2.165 \times 10^3$ किग्रा/ $/{ }^3$ है। जबकि $X$ - किरणों का घनत्व $2.178 \times 10^3$ किग्रा/ $/ ी^3$ है। क्रिस्टलीय सोडियम क्लोराइड में खाली स्थान की अंशता है :-
यदि $NaCl$ में $SrCl _2$ की $10^{-4}$ मोल प्रतिशत अशुद्धि हो तो, इसमें धनायन रिक्तता की सान्द्रता होगी [2007] $\left( N _{ A }=6.02 \times 10^{23}\right.$ मोल $\left.^{-1}\right)$
लीथियम धातु काय केन्द्रित घन क्रिस्टल में क्रिस्टलित होती हैं। यदि लीथियम के यूनिट सेल के साइड की लम्बाई $351 pm$ है तो लीथियम की परमाणु त्रिज्या होगी:-