नागरिक संहिता ने जन्माधारित विशेषाधिकारों को समाप्त किया। कानून के समक्ष समानता और सम्पत्ति के अधिकार को सुरक्षित बनाया गया।
शहरों में कारीगरों को श्रेणी संघों के नियंत्रण से मुक्त कर दिया गया।
यातायात व संचार व्यवस्था को सुधारा गया।
सामन्ती व्यवस्था को खत्म किया गया।