गाँव-सुरक्षा एवं जीवनोपयोगी साधनों को ध्यान में रखते हुए प्राय: नदियों, तालाबों व पहाड़ियों या उनके बीच गाँव बसाये जाते थे। मकान प्रायः केलू या घास-फूस से ढके कच्चे मकान होते थे। समृद्ध व्यक्तियों के घर में पट्टशाला, ढालिया, पशुओं का छप्पर, अन्न के कोठे आदि होते थे। नगर-नगर की बसावट सुनियोजित होती थी। नागदा, चीरवा, कल्याणपुर आदि कस्बे, घाटियों, पहाड़ियों या जंगल से घिरे स्थान में बसाए गए। नगर में मन्दिर, महल, भवन, परकोटा, जलाशय, सड़कों की व्यवस्था होती थी, जैसेदेलवाड़ा, इंगोद आदि। सुरक्षार्थ बसाए गए नगरों में आमेर, बूंदी, अजमेर, उदयपुर, जैसलमेर व कुंभलगढ़ आदि उल्लेखनीय हैं।