ग्लूकोस एक ऐल्डोहेक्सोस मोनोसैकेराइड है फिर भी यह हाइड्रोजन सायनाइड से क्रिया करके सायनोहाइड्रिन तो देता है लेकिन सोडियम हाइड्रोजनसल्फाइट के साथ योग नहीं करता। क्यों?
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ग्लूकोस की चक्रीय संरचना होती है जिसमें $- \text{CHO}$ समूह के प्रयोग से चक्रीय हैमीऐसीटैल संरचना बनती है अतः इसमें स्वतंत्र ऐल्डिहाइड समूह नहीं होता जिसके कारण इसकी सोडियम हाइड्रोजन सल्फाइट $(NaHSO_3)$ के साथ अभिक्रिया नहीं होती लेकिन हाइड्रोजन सायनाइड $\text{(HCN)}$ से क्रिया में इसकी चक्रीय संरचना की वलय टूटकर ऐल्डिहाइड समूह स्वतंत्र हो जाता है क्योंकि ग्लूकोस की वलय तथा विवृत श्रृंखला संरचना में साम्य होता है। अतः $\text{HCN}$ के साथ क्रिया द्वारा यह सायनो हाइड्रिन दे देता है।
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