जागीरदारी व्यवस्था के स्वरूप को समझाइये।
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जागीरदारी व्यवस्था का स्वरूप
(1) राजस्थान में जागीरदारी व्यवस्था रक्त सम्बन्ध पर आधारित सगोत्रीय कुलीय व्यवस्था थी।
(2) राजा महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर जागीरदारों को नियुक्त करता था।
(3) राजा और जागीरदार के सम्बन्ध स्वामी और सेवक के नहीं होते थे, बल्कि भाईचारे एवं सौहार्द्र पर आधारित होते थे।
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