जब $I$ तीव्रता के एकवर्णी विकिरण, किसी धातु की सतह पर टकराते हैं तो, फोटॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः $N$ और $T$ है। यदि विकिरणों की तीव्रता $2 I$ हो तो उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः होंगे
[2010M]
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(c) महत्तम गतिज ऊर्जा प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर नहीं करती है, इसलिए यह $T$ ही रहेगा लेकिन फोटोइलेक्ट्रॉनों की संख्या तीव्रता के समानुपाती होता है।
यदि $I$ का मान $2 I$ हो जाए तो $N$ का मान $2 N$ हो जाएगा।
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हीलियम नीयॉन लेजर $667\ nm$ तरंग दैर्ध्य का प्रकाश उत्पन्न करता है। उत्सर्जित शक्ति $9\ mW$ है। इस प्रकाश पुंज द्वारा प्रकाशित लक्ष्य पर प्रति सैकण्ड पहुँचने वाले इलैक्ट्रॉनों की मध्यमान संख्या होगी $:-$
एक प्रकाश वैद्युत सैल का कैथोड बदलने से उसका कार्य फलन $W _1$ से $W _2$ बदल जाता है $\left( W _2> W _1\right)$ ) बिना किसी परिवर्तन के पहले धारा का मान $I _1$ तथा बाद में $I _2$ है तो $\left(\right.$ माना $h v> W _2$ )
दो भिन्न आवृत्तियों के प्रकाश जिनके फोटॉन की ऊर्जा क्रमश: $1\ eV$ और $2.5\ eV$ है, किसी ऐसे धातु पृष्ठ को एक के बाद एक प्रदीप्त करते हैं जिसका कार्य फलन $0.5\ eV$ है, तो उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम चालों का अनुपात होगा: