जेकब व मोनोड ने इ.कोलाई में लेक्टोज उपापचय का अध्ययन कर आपरॉन परिकल्पना प्रस्तुत की। आपरॉन परिकल्पना निम्न में से किस के ऊपर लागू होती है-
[2002]
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(a) 64 कोडॉनों में से केवल 3 को ही बाधा कूटक कहा जाता है। अमीनो अम्लों के लिए एक से अधिक कोडॉन होते हैं। अनुवांशिक कूट नान-ओवर लैपिंग होते हैं। तीन निकटस्थ न्यूक्लियोटाइड्स या क्षारें केवल एक अमीनो अम्ल के लिए कूट बनाते हैं। वोबलिंग से अभिप्रायः तीसरे क्षार की ह्रासता से होता है।
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