झाड़ी एवं कँटीले वन में पौधों की पत्तियाँ रोएँदार मोमी, गूदेदार एवं छोटी होती हैं।
स्वाध्याय
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जहाँ वर्षा 50 सें मी० से कम होती है वहाँ अनेक प्रकार के कैंटीले वन तथा झाड़ियाँ पायी जाती हैं। इस प्रकार की वनस्पति उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पाई जाती है। इसके अंतर्गत गुजरात, राजस्थान, हरियाणा के आर्द्रशुष्क क्षेत्र, उत्तर-प्रदेश का पश्चिम क्षेत्र, मध्यप्रदेश का उत्तर-पश्चिम क्षेत्र आदि सम्मिलित हैं। इनके अंतर्गत-खजूर, यूफोर्बिया, एकेसिया (बबूल) तथा नागफनी (कैक्टस) प्रजातियाँ आती हैं। इन वनस्पतियों के लिए पानी की मांग सबसे महत्वपूर्ण है। अत इसे प्राप्त करने के लिए इनकी जड़े अत्यन्त गहरी होती हैं। पानी को अधिक से अधिक बचा कर रखा जा सके इसलिए इनके तने मोटे होते हैं। पत्तियाँ मोटी, रोएँदार या गूदेदार होती हैं।
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