जनहित याचिका के द्वारा कोई भी व्यक्ति अथवा समूह सरकार के किसी कानून अथवा कार्य के खिलाफ सार्वजनिक हितों की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय अथवा उच्च न्यायालयों में जा सकता है। इस प्रकार के मामले जज के नाम पोस्टकार्ड पर लिखा निजी अर्जी के माध्यम से भी उठाए जा सकते हैं। अगर न्यायाधीशों को लगे कि वास्तव में इस मामले में सार्वजनिक हितों पर चोट पहुँच रही है तो वे मामले को विचार के लिए स्वीकार कर सकते हैं।