जोधपुर-उत्तराधिकार संघर्ष-जोधपुर में रामसिंह और बख्तसिंह के मध्य उत्तराधिकार संघर्ष प्रारंभ हुआ। दोनों ही मराठा-सहायता के प्रयास में जुट गए। फलतः यहाँ पेशवा, सिंधिया व होल्कर के हस्तक्षेप बढ़ गए। अन्ततः रियासत का विभाजन हुआ और दोनों को आधा-आधा राज्य मिला। मारवाड़ रियासत के विभाजन से उसकी आर्थिक दशा सोचनीय हो गई, व्यापार नष्ट हो गया, कृषि बर्बाद हो गई तथा मराठों की माँगें निरन्तर बढ़ती गई। लेकिन वे कोई समझौता करने पर सहमत नहीं थे।