कारण समझाइए$-$
$(A)$ ऐसीटिक अम्ल, फॉर्मिक अम्ल की तुलना में दुर्बल अम्ल होता है।
$(B)$ कार्बोक्सिलिक अम्लों का क्वथनांक समतुल्य आण्विक द्रव्यमानों वाले ऐल्डिहाइडों से अधिक होता है।
माध्य. शिक्षा बोर्ड, 2022
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$(A)$ ऐसीटिक अम्ल में उपस्थित $-CH_3$ समूह के इलेक्ट्रॉन दाता प्रभाव $(+I)$ के कारण यह इसके आयनन से प्राप्त संयुग्मी क्षारक को अस्थायित्व प्रदान करता है जिससे अम्ल की अम्लता कम हो जाती है, क्योंकि अम्ल का आयनन कम हो जाता है जबकि फॉर्मिक अम्ल में ऐसा सम्भव नहीं है इसलिए इसका आयनन अधिक होता है। इसी कारण ऐसीटिक अम्ल, फॉर्मिक अम्ल की तुलना में दुर्बल अम्ल होता है।
$(B)$ कार्बोक्सिलिक अम्लों का क्वथनांक समतुल्य आण्विक द्रव्यमान वाले ऐल्डिहाइडों से अधिक होता है। इसका कारण कार्बोक्सिलिक अम्लों के अणुओं में परस्पर अधिक व्यापक अंतराआण्विक हाइड्रोजन आबंधन द्वारा होने वाला संगुणन है। ये हाइड्रोजन आबंध वाष्प अवस्था में भी पूर्ण रूप से नहीं टूटते। वास्तव में अधिकांश कार्बोक्सिलिक अम्ल वाष्प प्रावस्था तथा ऐप्रोटिक विलायकों में हाइड्रोजन आबन्धन द्वारा द्वितय बनाते हैं। इस प्रकार का हाइड्रोजन आबन्धन ऐल्डिहाइडों में नहीं होता है।
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अणुसूत्र $\ce{C4H8O}$ वाला यौगिक हाइड्रेजीन के साथ क्रिया करके हाइड्रेजोन बनाता है तथा यह आयोडीन व $\text{NaOH}$ के साथ क्रिया करके आयोडोफॉर्म बनाता है लेकिन इसकी फेलिंग विलयन से कोई क्रिया नहीं होती तो इस यौगिक की संरचना तथा आवश्यक समीकरण बताइए।
अणु सूत्र $C_6H_{12}$ युक्त एक ऐल्कीन के ओजोनी अपघटन से दो भिन्न$-$भिन्न यौगिक प्राप्त होते हैं जिनमें से एक यौगिक आयोडोफॉर्म परीक्षण देता है लेकिन टॉलेन अभिकर्मक को अपचयित नहीं करता जबकि दूसरा यौगिक टॉलेन अभिकर्मक को अपचयित करता है लेकिन आयोडोफॉर्म परीक्षण नहीं देता तो इस ऐल्कीन तथा उत्पादों के नाम एवं सूत्र बताइए।