(d) प्रार्थमिक विभाज्योतक - ये भ्रूण के विभाज्योतक से उत्पन्न होने वाले विभाज्योतक होते हैं। स्थिति के आधार पर ये तीन प्रकार के होते हैं। शीर्षस्थ्थ, पार्श्व व अन्तर्वेशी
शीर्षस्थ - तने, मूलों व शाखाओं के अग्र सिरे अन्तर्वेशी - पर्ण आधार, गांठों के ऊपर (घास) गांठों से नीचे (पोदीना) पाश्र्व विभाज्योतक उदाहरण अन्तरापूलीय एधा