(a) प्रथम नियम आवेश तथा द्वितीय नियम ऊर्जा संरक्षण पर आधारित है।
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विद्युतवाही एक लूप $($पाश$)$ में दो एक समान अर्धवृत्ताकार भाग है। प्रत्येक की त्रिज्या $R$ है। एक $x-y$ समतल में और दूसरा $x-z$ समतल में स्थित है। यदि लूप $($पाश$)$ में विद्युत धारा $i$ हो तो, उनके उभयनिष्ठ केन्द्र पर दोनों अर्धवृत्ताकार भागों के द्वारा उत्पन्न परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र है
सर्वसम विस्तार (माप) के धातु के दो तार श्रेणी क्रम में जुड़े हैं। यदि इन तारों की चालकता क्रमशः $\sigma_1$ तथा $\sigma_2$ है तो, इनके इस संयोजन की चालकता होगी
40 विद्युत बल्ब $220 V$ सप्लाई के साथ श्रेणी क्रम में जोड़े गये। कुछ समय बाद 1 बल्ब खराब हो गया तथा बचे हुए 39 बल्ब फिर समान सप्लाई के साथ श्रेणी क्रम में जोड़े गये। तीव्रता होगी :
एक तार जिसका वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल $a$ लम्बाई 1 तथा प्रतिरोध $R$ है। इसे एक वृत के रूप में मोड़ा गया है। इसके किसी व्यास के दोनों छोड़ो के बीच प्रतिरोध ज्ञात करो।
12 ओम प्रति मीटर के एक तार को मोड़ कर 10 से.मी. त्रिज्या का एक वृत्त बनाया गया है। इसके व्यास के अभिमुख बिन्दुओं, $A$ और $B$, जैसा चित्र में दर्शाया हैं, के बीच के प्रतिरोध का मान होगा:-
एक सेल के टर्मिनलों के बीच विभव $2.2 V$ है जबकि सेल खुले परिपथ में है। अगर $5 \Omega$ का प्रतिरोध सेल के टर्मिनलों के बीच लगा दें तो विभव $1.8 V$ हो जाता है। सेल का आन्तरिक प्रतिरोध होगा :