विद्युत धारा पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित हो रही है। दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम को लागू करने पर पूर्वी सिरे से अवलोकन करने पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा (तार के ऊपर या नीचे किसी भी बिंदु पर) तार के लंबवत् तल में दक्षिणावर्त होगी। इसी प्रकार से तार के पश्चिमी सिरे से अवलोकन करने पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा वामावर्त होगी।