(c) विखंडन उत्पादों की बंधन ऊर्जा प्रति न्यूक्लिओन, पितृ नाभिक की बंधन ऊर्जा प्रति न्यूक्लिओन से अधिक होती है अर्थात् द्रव्यमान गतिज ऊर्जा में बदलता है। इसलिए दिया हुआ अनुपात $<1$
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दो रेडियोएक्टिव पदार्थ $A$ तथा $B$ की अर्द्ध-आयु $20$ मिनट तथा $40$ मिनट है। प्रारम्भ में $A$ तथा $B$ में समान मात्रा में नाभिक है। $80$ मिनट के बाद $A$ तथा $B$ में बचे हुए नाभिकों की तुलना करें
एक रेडियो समस्थानिक का क्षय-नियतांक $\lambda$ है। यदि इसकी समय $t_1$ और $t_2$ पर सक्रियता क्रमशः $A_1$ और $A_2$ हो तो $\left(t_1-t_2\right)$ समयावधि में क्ष्षित नाभिकों की संख्या होगी
किसी सेम्पल (निदर्श) में दो रेडियोएक्टिव नाभिक $P$ और $Q$ क्षयित होकर एक स्थायी नाभिक $R$ में परिवर्तित हो जाते हैं। जिसकी समय $t=0$ पर, $P$ के नाभिक $4 N _0$ और $Q$ के $N _0$ है। $( R$ में परिवर्तित होने के लिये $) P$ की अर्ध आयु $1$ मिनट और $Q$ की $2$ मिनट हैं प्रारम्भ में सेम्पल $($ निदर्श $)$ में $R$ के नाभिक उपस्थित नहीं है। जब निदर्श में $P$ और $Q$ के नाभिकों की संख्या बराबर है, तब उनमें $R$ के नाभिकों की संख्या होगी-
एक मिश्रण में क्रमशः $20 s$ तथा $10 s$ अर्द्ध आयु के दो रेडियोधर्मि पदार्थ $A_1$ और $A_2$ हैं। प्रारम्भ में मिश्रण में $A_1$ और $A_2$ की मात्राऐं क्रमश $40 g$ तथा $160 g$ है तो, कितने समय पश्चात् मिश्रण में दोनों की मात्र समान हो जायेगी?