कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य होता है, जो सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलवाने के लिए तय किया जाता है। इसमें सरकार किसानों के फसल के लिए एक न्यूनतम मूल्य निर्धारित करती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य का उद्देश्य होता है किसानों की हितों की रक्षा करना। इससे किसानों को उनके फसल का उचित मल्य मिलता है. वे फसल उपजाने में जितनी मेहनत करते हैं, उन्हें उसका फल मिलता है। उन्हें घाटा नहीं होता है।
प्रत्येक किसान को अपने फसल के लिए सरकारी दर की उम्मीद होती है। किसानों से उनकी फसल सरकारी एजेंसियाँ निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर ही फसल खरीदती है। अगर सरकार द्वारा यह मूल्य तय नहीं किया जाता तो किसानों से उनके फसलों को कम कीमत पर ही खरीद लिया जाता, जिससे किसान को अपनी मेहनत का उचित फल नहीं मिलता । लेकिन बिहार में इस योजना का पूरा लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है। जिससे किसानों को उनका हक नहीं मिल पाता है।