1707 ई. में औरंगजेब की मृत्यु के बाद कई नये स्वतंत्र क्षेत्रीय राज्यों का उदय हुआ थ । इनमें आपसी तालमेल का अभाव था। हर राज्य दूसरों के इलाके हड़पकर अपने राज्य का विस्तार चाहता था। उनमें एकता के अभाव की स्थिति को देखकर अंग्रेज उन्हें अपनी आधुनिक सैन्य सहायता देना चाहते थे ताकि वे अपने पड़ोसी राज्य से लड़कर आसानी से जीत सकें। इसमें अंग्रेजों का निजी स्वार्थ तो था ही भारतीय शासक भी इसमें अपना लाभ देख रहे थे कि उनके राज्य क्षेत्र का विस्तार होगा। साथ ही, जो शासक या राज्य अंग्रेजों के व्यापारिक लाभ के रास्ते में बाधा खडी करता था. अंग्रेज उसके खिलाफ दूसरे राज्य के सहारे युद्ध छेड़कर उसे हराकर अप्रत्यक्ष रूप से उस राज्य पर कब्जा कर लेते थे। अतः हर परिस्थिति में भारतीय शासकों को अंग्रेजों की सहायक संधि की शर्तों को स्वीकार करना ही पड़ता था।