मानव नर की अनुवांशिक पहचान, निश्चित की जाती है :-
[1997]
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(c) एलोसोम्स या लिंग गुणसूत्र प्रत्येक जीव का लिंग निर्धारित करते हैं। शेष बचे गुणसूत्रों को दैहिक या कायिक गुणसूत्र कहा जाता है। केन्द्रिका एक कोशिकीय अंग है जो राइबोसोम्स के संश्लेषण में भाग लेता है।
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