मार्टिन लूथर (जर्मनी) एक महान धर्म सुधारक था। वह चर्च में व्याप्त बुराइयों का विरोधी था और इसमें सुधार लाना चाहता था। उसे धर्म सुधार आंदोलन का अग्रदूत कहा जाता है। 1517 में लूथर ने पंचानवें स्थापनाएँ लिखीं जिसमें उसने रोमन कैथोलिक चर्च में प्रचलित अनेक परम्पराओं एवं धार्मिक विधियों पर प्रहार किया। लूथर के लेखक के व्यापक प्रभाव से रोमन कैथोलिक चर्च में विभाजन हो गया। लूथर ने ईसाई धर्म की नई व्याख्या प्रस्तुत की। उसके समर्थक प्रोटेस्टैंक कहलाए। धीरे-धीरे प्रोटेस्टेंट संप्रदाय ईसाई धर्म का प्रमुख संप्रदाय बन गया।