मिथिला पेंटिंग की मुख्य विशेषताएँ हैं कि चित्र के लिए स्थानीय परिवेश तथा प्रतीकों को अपनाया जाता है । चित्रकार रंग स्वयं बनाते हैं । रंग बनाने के लिए प्राकृतिक साधनों खासकर रंगीन फूलों का उपयोग किया जाता है । इस कला को पारंपरिक धरोहर के रूप में माना जाता है ।