मोलेला मूर्तिकला-राजसमंद जिले के मोलेला गांव के कुम्हारों ने मोलेला कला को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है। ये शिव-पर्वती, पणिहारी, भैरुजी, हाथी, गणेश, ऊँटा, घोड़ा, पुतली, हनुमान, तोता, चिड़िया, मोर, बांसुरी वाला, शेर, मगरमच्छ, मूषक आदि लोक देवी-देवताओं एवं जानवरों से सज्जित मिट्टी की फड़ बनाते हैं। यह मोलेला मूर्ति कला के नाम से विख्यात है। मिट्टी की मूर्तियों को आग में पका कर बनाने की कला को टेराकोटा कहते हैं।