मराठा शक्ति का राजस्थान में प्रवेश-राजस्थान में सर्वप्रथम 1711 ई. में मराठों ने मेवाड़ में प्रवेश किया। 1726 ई. में मराठों ने कोटा व बूंदी पर आक्रमण किए। इसके पश्चात् 1728 ई. में डूंगरपुर, बाँसवाड़ा के शासकों ने खिराज देना स्वीकार किया। 22 अप्रैल, 1734 ई. में मराठों ने बँदी के शासक बुधसिंह को पुन: वहाँ का शासक बनवा दिया। 17 जुलाई, 1734 को राजपूत राजाओं ने मराठों की बढ़तीसाक्ति को रोकने के लिए हुरड़ा में एक सम्मेलन बुलाया, लेकिन यह सम्मेलन अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाया। इसके बाद 1736 ई. में पेशवा बाजीराव ने राजस्थान का दौरा किया और यहाँ से चौथ वसूली की।