वाद-विवाद की संस्कृति-पुस्तकों और लेखों में वाद-विवाद की संस्कृति को जन्म दिया। नए विचारों के प्रसार के साथ ही तर्क की भावना का विकास हुआ। अब लोग पुरानी मान्यताओं की समीक्षा कर उनपर अपने विचार प्रकट करने लगे। इससे नई सोच उभरी। राजशाही चर्च और सामाजिक व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जाने लगी। फलतः क्रांतिकारी विचारधारा का उदय हुआ। इस तरह मुद्रण संस्कृति ने फ्रांसीसी क्रांति के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाई।