उपनिवेशवाद का बुनियादी सिद्धान्त उपनिवेशियों के आर्थिक शोषण एवं उनके संसाधनों का दोहन करना था। इसी के विरोध में मुक्त व्यापार की धारणा विकसित हो रही थी जिसमें राज्य द्वारा व्यापार को नियंत्रित करने का विरोध किया गया था। इस सिद्धान्त के अनुसार उपनिवेशवासी अपने व्यापार एवं अन्य क्रिया-कलापों में इंग्लैण्ड के हस्तक्षेप को नापसंद करते थे। इसी ने उपनिवेशवासियों को क्रान्ति के लिए प्रेरित किया।