नाभिकीय संलयन अभिक्रिया, नाभिकीय विखण्डन के सापेक्ष अधिक कठिन होती है। क्यों?
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नाभिकीय संलयन के लिये $10^7 \ K$ की कोटि का उच्च ताप होना आवश्यक होता है जिसको प्राप्त करना कठिन होता है।
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