(a) पादपों के भाग जो कमी के लक्षण प्रदर्शित करते हैं, वे पादपों को भीतर तत्त्वों की गमनीयता पर भी निर्भर करते हैं। वे तत्व जो सक्रियरूप से पादपों में गमनीय होते है तथा नव-विकासशील ऊतकों की ओर चले जाते हैं उनमें कमी के लक्षण सर्वप्रथम जीर्ण ऊतकों में प्रदर्शित होते है। नाइट्रोजन एवं पोटैशियम की कमी के लक्षण को, विशिष्ट रूप से नाइट्रोजन अभाव को हरिमहीनता कहते हैं। हरिमहीनता के लक्षण सर्वप्रथम जीर्णमान पत्तियों में दिखाई देते हैं। पोटैशियम की कमी प्रोटीन संश्लेषण को संदमित करती है।