(c) बीडल व टाटम ने 'एक-जीन-एक-एन्जाइम' वाद प्रस्तुत किया जिसके अनुसार किसी जीवित कोशिका में गुणसूत्रों पर उपस्थित जीन्स, रेखीय क्रम में होते हैं। एक जीन, एक विशेष एन्जाइम ( प्रोटीन) के संश्लेषण को नियंत्रित करता है जो कि दर्शरूप लक्षणों के लिए जिम्मेदार होता है।