p-n संधि डायोड का उपयोग ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ के लिए होता है।
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ऋजुकरण
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Similar Questions

  • 1
    अपद्रव्यी अर्धचालक ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ प्रकार के होते हैं।
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  • 2
    अर्द्धचालक की प्रतिरोधकता ताप में वृद्धि होने पर ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ है।
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  • 3
    p-टाइप अर्द्धचालक में धारा मुख्यतः ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ के द्वारा प्रवाहित होती है।
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  • 4
    अर्धचालक की चालकता, ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ से कम होती है।
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  • 5
    ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ पर्त का विद्युत प्रतिरोध बहुत अधिक होता है, क्योंकि इसमें आवेश वाहक नहीं होते हैं।
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  • 6
    शुद्ध अर्धचालक की चालकता बढ़ाने के लिए इसमें ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ मिलाई जाती है।
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  • 7
    दाता अशुद्धि के साथ अपमिश्रित किया गया अर्द्धचालक ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ प्रकार का होता है।
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  • 8
    p-प्रकार के अर्द्धचालक में ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ बहुसंख्यक आवेश वाहक तथा ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ अल्पसंख्यक आवेश वाहक होते हैं।
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  • 9
    n-प्रकार के अर्द्धचालक को गर्म करने पर इलेक्ट्रॉनों व होलो की संख्या ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ रूप से बढ़ती है।
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  • 10
    p - प्रकार के अर्द्धचालक में ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ बहुसंख्यक आवेष वाहक तथा ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ अल्पसंख्यक आवेष वाहक होते है।
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