शिवाजी की मृत्यु के बाद और औरंगजेब के जीवित रहने तक मराठा क्षेत्रों पर पुन: मुगलों का अधिकार हो गया । लेकिन जैसे ही 1707 में औरंगजेब की मृत्यु हुई, शिवाजी के राज्य पर चितपावन ब्राह्मणों के एक परिवार का प्रभाव स्थापित हो गया। शिवाजी के उत्तराधिकारियों ने उसे पेशवा का पद दे दिया । इस नये बने पेशवा ने पुणा को मराठा राज्य का केन्द्र बनाया। पेशवाओं ने मराठों के नेतृत्व में सफल सेन्य संगठन का विकास किया, जिसके बल पर उन्होंने अपने राज्य का बहुत विस्तार दिया । मुगलों के कई परवर्ती शासकों ने पेशवाओं का नेतृत्व स्वीकार कर लिया। इसी कारण पेशवाओं के नेतृत्व में मराठा राज्य का विस्तार हुआ।