विकास एवं उपयोग की दृष्टि से प्राकृतिक संसाधन को दो भागों में बाँटा गया है।
- वास्तविक संसाधन-पश्चिम एशिया का पेट्रोलियम, आस्ट्रेलिया का सोना, झारखंड का अभ्रक, मध्य प्रदेश का मैंगनीज एवं राजस्थान का ताँबा
- संभाव्य संसाधन केरल में मिलने वाला थोरियम, लद्दाख में पाया जाने वाला यूरेनियम ।
उत्पत्ति के आधार पर प्राकृतिक संसाधन को दो भागों में बाँटा गया
- जैव संसाधन-पेड़-पौधे, वन, जीव-जंतु ।
- अजैव संसाधन खनिज, चट्टान, मिट्टी, भूमि, खेत, तालाब, नदी, झील।
उपलब्धता के आधार पर प्राकृतिक संसाधन को दो भागों में बाँटा गया है
- नवीकरणीय संसाधन – सूर्य की किरणे एवं पवन ।
- अनवीकरणीय संसाधन – लोहा, कोयला, पेट्रोलियम, अभ्रक ।
वितरण के आधार पर प्राकृतिक संसाधन को चार भागों में बाँटा गया
- सर्वत्र उपलब्ध संसाधन मिट्टी, पवन।
- स्थानिक संसाधन कोडरमा में पाया जाने वाला अभ्रक, जादूगोड़ा में मिलने वाला यूरेनियम, छोटानागपुर क्षेत्र में पाया जाने वाला कोयला ।
स्वामित्व के आधार पर प्राकृतिक संसाधन को तीन भागों में बाँटा – गया है
- निजी संसाधन-भूमि, तालाब ।
- राष्ट्रीय संसाधन-समुद्र तट से दूर 19.2 किलोमीटर क्षेत्र के अन्दर पाये जाने वाले संसाधन।
- अन्तर्राष्ट्रीय संसाधन खुला महासागर का क्षेत्र ।