राजधानी परिवर्तन के दौरान नागरिकों को अनेक प्रकार के कष्ट हुए होंगे । पैदल चलते-चलते उनके पैदों में फोड़ा हो गया होगा । रास्ते में खाने-पीने की भी असुविधा हुई होगी । अनजान राह में उन्हें यह भी पता नहीं होगा कि कहाँ पानी मिलेगा और कहाँ रात बिताना अच्छा होगा